Eighties(1980-89)
Dukh Sukh Ki Har (Kudrat)
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Song Info
Movie/Album: Kudrat
Release: 1981
Music Director: R.D.Burman
Lyrics Qatil Shifai
Singers: Chandrashekhar Gadgil
Lyrics in Hindi
दुख सुख की हर एक माला, कुदरत ही पिरोती है दुख सुख की हर एक माला, कुदरत ही पिरोती है हाथो की लकीरो मे, ये जागती सोती है दुख सुख की हर एक माला, कुदरत ही पिरोती है यादो का सफ़र ये करे, गुज़री बहारो मे कभी आने वेल कल पे हँसे, उड़ते नज़ारों मे कभी एक हाथ मे अंधियारा, एक हाथ मे ज्योति है दुख सुख की हर एक माला, कुदरत ही पिरोती है सामना करे जो इसका, किसी मे ये दम है कहा इसका खिलोना बनके, हम सब जीते है यहा जिस रह से हम गुज़रे, ये सामने होती है दुख सुख की हर एक माला,कुदरत ही पिरोती है आहो में जनाज़े दिल में, आँखो में चिताए गम की नींदे बन गयी तिनका, चली वो ह्वाए गम की इसान के अंदर भी, आँधी कोई होती है दुख सुख की हर एक माला, कुदरत ही पिरोती है
Song Trivia
This is the title song of the movie.It has 2 versions.This version is by Chandrashekhar Gadgil and the other by Mohammed Rafi.
Official Video
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