Fifties(1950-59)
Pighla Hai Sona Duur (Jaal)
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Song Info
Movie/Album: Jaal
Release: 1952
Music Director: S.D.Burman
Lyrics Sahir Ludhianvi
Singers: Lata Mangeshkar and Chorus
Lyrics in Hindi
पिघला है सोना दूर गगन पर
फ़ैल रहें हैं शाम के साये
भगवन तेरे सुन्दर रचना कितनी प्यारी है
तेरी महिमा के गुण गाता हर नर-नारी है
खामोशी कुछ बोल रही हैं
भेद अनोखे खोल रही हैं
पंख पखेरू सोच मे ग़ुम हैं
पेड़ खड़े है सिर झुकाए
पिघला है सोना …
धुंदले धुंदले मस्त नज़ारें
उड़ते बादल मुड़ते धारे
छुप के नज़र से जाने ये किस ने
हसरती ये खेल रचाए
पिघला है सोना …
कोई भी उठता राज़ न जाने
एक हक़ीक़त लाख़ फ़साने
एक ही जलवा शाम सवेरे
भेस बदल कर सामने आए
पिघला है सोना …
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