Eighties(1980-89)
Ye Kahan Aa Gaye Hum (Silsila)
Song Info
Movie/Album: Silsila
Release: 1981
Music Director:Shiv Hari
LyricsJaved Akhtar
Singers: Amitabh Bachchan, Lata Mangeshkar
Lyrics in Hindi
मैं और मेरी तनहाई, अक्सर ये बाते करते हैं
तुम होती तो कैसा होता
तुम ये कहती, तुम वो कहती
तुम इस बात पे हैरान होती
तुम उस बात पे कितना हँसती
तुम होती तो ऐसा होता, तुम होती तो वैसा होता
मैं और मेरी तनहाई, अक्सर ये बाते करते हैं
ये कहाँ आ गए हम, यूँ ही साथ साथ चलते
तेरी बाहों में हैं जानम, मेरे जिस्म-ओ-जान पिघलते
ये रात हैं या, तुम्हारी जुल्फे खुली हुयी है
है चांदनी या तुम्हारी नज़रों से मेरी राते धुली हुयी है
ये चाँद है, या तुम्हारा कंगन
सितारे है, या तुम्हारा आँचल
हवा का झोंका है, या तुम्हारे बदन की खुशबू
ये पत्तियों की हैं सरसराहट, के तुम ने चुपके से कुछ कहा है
ये सोचता हूँ, मैं कब से गुमसुम
के जब के, मुझको को भी ये खबर है, के तुम नहीं हो, कही नहीं हो
मगर ये दिल हैं के कह रहा है, तुम यही हो, यही कही हो
तू बदन है, मैं हूँ छाया, तू ना हो तो मैं कहाँ हूँ
मुझे प्यार करनेवाले, तू जहाँ हैं मैं वहाँ हूँ
हमे मिलना ही था हमदम, किसी राह भी निकलते
मेरी सांस सांस महके, कोई भीना भीना चन्दन
तेरा प्यार चांदनी है, मेरा दिल हैं जैसे आँगन
हुयी और भी मुलायम, मेरी शाम ढलते ढलते
मजबूर ये हालात, इधर भी है, उधर भी
तनहाई की एक रात, इधर भी है, उधर भी
कहने को बहोत कुछ हैं मगर किस से कहे हम
कब तक यूँ ही खामोश रहे हम और सहे हम
दिल कहता हैं दुनियाँ की हर एक रस्म उठा दे
दिवार जो हम दोनों में है, आज गिरा दे
क्यों दिल में सुलगते रहे, लोगों को बता दे
हां हम को मोहब्बत है, मोहब्बत है, मोहब्बत
अब दिल में यही बात, इधर भी है, उधर भी
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